Wednesday 22 July 2015

हिंदी लव शायरी

Posted by- radiateashok

Ø     हिंदी लव शायरी



v “किसे मालूम था इश्क इस कदर लाचार करता है ,
दिल जानता है की वो मेरा नहीं , मगर प्यार उसी से करता है.....”

v “मेरे सजदो में कोई कमी तो नहीं थी ‘फराज’,क्या मुझसे भी बढ़कर किसी ने माँगा था उसको ...”

v “किन लम्हों को  भूले किन्हें याद रखे ये सोचते है अक्सर ,गर कुछ लम्हों ने सब कुछ दिया तो कुछ ने सब ले भी लिया ..”


v “ वो जहर देकर मरते तो दुनिया की नजरो में आ जाते ,अंदाज ए क़त्ल तो देखो मोहब्बत करके छोड़ दिया ...”

v “ टूटकर बिखर जाते है वो लोग मिट्टी की दीवारों की तरह ,जो खुद से भी ज्यादा किसी और से मुहब्बत किया करते है ....”

v “खामोशियों के रिश्ते निभाना मुझे आता है हर दर्द से इस दिल को लगाना मुझे आता है जो तुम हंसो हँसता हूँ , अगर रो दो तो रोता हूँ जो जैसा है संग उसके बिना मुझे जीना आता है ,बंजर सी जमी पर ही कबसे जी रहा हूँ में ,इस रेत से अपना घर बनाना मुझे आता है , दुनिया में मुहब्बत का कतरा न मिला हमको अब दुःख भरे गीतों को गाना मुझे आता है...”

v तेरी तलाश में निकलू नही तो क्या फायदा ? तुम बदल गए हो..खो गए होते तो और बात थी...!!!!

v मुझे दफ़नाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना ..में नहीं चाहता की वो खेलना छोड़ दे ...!!

v बना दो वजीर मुझे भी इश्क कि दुनिया का दोस्तों ,वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ए मोत दूंगा ..!!

v वो रोये तो बहुत ,पर मुझसे मुहं मोड़कर रोये ,कोई मज़बूरी होगी तो दिल तोड़कर रोये ,मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े , पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोडकर रोये ..

v पास आकर सभी दूर चले जाते है , हम अकेले थे अकेले ही रह जाते है ,दिल का दर्द किसे दिखाए ,मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं ..

v आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा , कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा , पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला , में मोम हूँ उसने मुझे छु कर नहीं देखा ..

v नफरत करनी हो तो हमसे इस कदर करना , के तुम छोड़ के जाओ तो हम किसी से मुहब्बत के काबिल न रहे ..

v हम अपना दर्द किसी को कहते नहीं , वो सोचते है की हम तन्हाई सहते नहीं , आँखों से आंसू निकले भी तो कैसे , क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं ..

v कल रात मेने अपने सारे गम.. कमरे की दीवार पर लिख डाले || बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही ||

v गम इस बात का नही की तुम बेवफा निकली , मगर अफ़सोस यह है की ,वो सब लोग सच निकले ,जिनसे में तेरे लिए लड़ा करता था !!


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